कहानी का शीर्षक ऐसा है जैसे किसी स्त्री को सम्बोधित किया जा रहा है,, परन्तु वास्तव में वह आधुनिक स्त्रैण पूर्वाग्रही विचारधाराओं के लिए है।
किसी घर में एक साधारण परिवार रहता था।
उस परिवार में साधारण मनुष्यों की तरह ही अनेक प्रकार की आधि व्याधियाँ चलती रहती थी।
वह इन सबसे दुःखी था और कोई ऐसी निरापद औषध चाहता था जो रोज रोज के इन्सुलिन, एस्प्रिन, क्लिनिकल ट्रीटमेंट, डॉक्टर के चक्कर और चिकित्सकीय तीमारदारी के भारी व्यय से बचा सके।
एक बार एक #ज्ञानी वहाँ आए!!
उन्होंने उस घर के गृहस्वामी को बताया कि वर्षा ऋतु के पश्चात भूमि पर उगी कई वनस्पतियाँ इतनी कीमती और उपयोगी हैं कि यदि उनका ठीक से सेवन किया जाए तो व्यक्ति, स्वस्थ तथा मौजूदा क्षमता से कई गुणा अधिक क्षमतावान बन सकता है।
गृहस्वामी ने पूछा "वे कौन सी औषधियां हैं और उनका कैसे उपयोग किया जा सकता है?"
तब ज्ञानी बोले "यह बहुत जटिल प्रक्रिया है। हजारों औषधीय पौधे और वनस्पति हैं, उनके गुण धर्म भी प्रति दिन, प्रति रात प्रत्येक अवस्था के अनुसार बदलते हैं। उन्हें सीधे ही नहीं खाया जा सकता। काफी प्रोसेसिंग करनी पड़ती है। पहले तो उन्हें फार्मूले के अनुसार ढूढों, फिर काटो, पीसो, धोओ, मिलाओ, और उसके बाद सेवन करना है।"
ज्ञानी बोले,,,, "यदि तुमने जन्म भर इसका सेवन किया तो तुम्हारी शारीरिक क्षमता बढ़ जाएगी,,,, यदि तुम्हारी अगली पीढ़ी ने भी उसे जारी रखा तो वह बौद्धिक क्षमता में बेजोड़ होगी और यदि तुम्हारी तीसरी पीढ़ी भी ऐसा करती रही तो वह अद्भुत लोकोत्तर प्रतिभाओं से युक्त होंगी।"
गृहस्वामी बोले "ऐसा तो सभी चाहते हैं पर यह बहुत और कष्टकारी है। इसके लिए बहुत सारे सेवक रखने पड़ेंगे, एक लैब भी स्थापित करनी पड़ेगी, कई फार्मासिस्ट भी चाहिए, उन सबका वेतन आदि,,,, यह तो बहुत मंहगा पड़ेगा।"
तब ज्ञानी बोले,,, "यदि मैं तुम्हें एक ऐसी वस्तु दूँ जो यह सब कार्य करेगी,,,, तुम्हारे हिसाब से वह कितने की होनी चाहिए,,,,!"
"क्या एक वस्तु,,, और इतना कार्य,,,? यह तो असम्भव लगता है।"
"हाँ,,, और इसका व्यय, तुम्हारे परिवार के एक सदस्य के ऊपर होने वाले व्यय से भी कम है।"
अवाक,,, और कृतज्ञ गृहस्वामी ने उस ज्ञानी को #भू देव मानकर प्रणाम किया और उस वस्तु को "गाय माता" मानकर धन्यता अनुभव की।
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ऐसे सरल सूत्र देने वाले ज्ञानियों को यदि किसी ने ब्राह्मण देव कह दिया तो गुनाह तो नहीं किया !!
ऐसी उपयोगी गाय को माँ कहकर सम्मान दिया तो कोई अपराध तो नहीं किया !!
और
यदि सहमत नहीं है तो ले आइये,,,,, दूसरा कोई इससे भी सस्ता वैकल्पिक सलाहकार,,,,!
ले आइये दूसरा वैकल्पिक सस्ता इलाज जो इतना उपकारी और उपयोगी हो।
कुछ आधुनिक वैज्ञानिकों ने कहा कि दूध वह है जिसमें इतना फैट हो,,, वगैर वगैर,,,,!
क्या वास्तव में गौ दुग्ध की परिभाषा इतनी सी ही है?
वैज्ञानिकों के बस की बात नहीं कि वे #ब्राह्मण को परिभाषित कर सकें।
कि वे गाय की समग्र परिभाषा दे सकें,,, उसे समझ सकें,,,!
कि वे #पद्मावती के जौहर को समझ सकें।
कुछ चीजें तुम्हें कभी समझ नहीं आएगी।
यूँ ही सर नहीं कटाते थे,,,, यूँ ही "पूजहिं बिप्र शील गुण हीना नहीं कहते थे,,, यूँ ही सतीत्व रक्षण के लिए अग्नि स्नान नहीं करते थे।
इनको समझने के लिए भारत में जन्म लेकर भी कुछ "अतिरिक्त योग्यता" चाहिए होती हैं।
मुझमें वह है, अतः मैं गर्व से इतराता हूँ।
क्या तुझमें है,,,?
#kss