देश बड़ा या इस्लाम,,,,?
इसका उत्तर रोहिंग्या मुसलमानों को समझ आ गया होगा।
दुनिया के 40 इस्लामिक देशों के होते हुए भी #फुटबॉल बने ठोकरें खा रहे हैं।
जो मौलवी बार बार देश से बड़ा इस्लाम होने की डींगें हाँकते थे, और रसूल के बनाए एकमात्र मजहब से ऊपर कुछ नहीं का उद्घोष करते थे उन्हें भी समझ जाना चाहिए कि आगे क्या होने वाला है?
देश तुम्हारे घर जैसा होता है।
वह कोई पब्लिक पार्क या धर्मशाला नहीं।
#रोहिंग्या लोगों ने बर्मा को कभी अपना घर नहीं माना।
वे अरब साम्राज्य की खलीफाई के गुलाम सपनों में जीते रहे और मनमाने तरीके से #म्यांमार में उत्पात मचाने लगे।
बाप का माल समझ सुख सुविधाएं लूटते रहे।
शांतिप्रिय बौद्धों की संपत्ति, बेटियों, अन्न धन को भोगते रहे।
और खा पीकर उसी घर के सभी कक्षों को शौचालय, वैश्यालय, के रूप में उपयोग करके गन्दगी बिखेरते रहे।
शुरू शुरू में बौद्ध भी #बुद्ध के बताए मार्ग पर चलते, मुस्कुराते,,,,, शान्ति छांटी रटते रहे,,,, पर जब उन्हें अपना ही देश छिनते हुए लगा,,,,,! ,,,,,, बुद्ध को किनारे रख पुष्यमित्र शुंग को पकड़ लिया।
रोहिंज्ञों!!
तुमने सोने की मुर्गी को #हलाल करना चाहा,,,, उस मुर्गी ने ड्रैगन का रूप धर तुम्हें ही भगा दिया।
स्वीकार करो कि देश बड़ा है और मजहब उसके बाद,,,,,,!
#kss
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