सोमवार, 20 जुलाई 2015

लवस्टोरी

एक नामी होटल का रूम बॉय, ट्रैन से अपने घर को जा रहा था। कुछ तेज तो था ही, अभिजात्य वर्ग की निकटता से कई टोटके भी सीख गया था। लम्बा और उबाऊ सफर कैसे कटे इसका उपक्रम कर रहा था।
उसी कम्पार्ट में एक कॉलेज की महिला प्रोफेसर भी सफर कर रही थी।किसी दूरस्थ एकाकी कोने में नियुक्त होने से हर समय दूसरों से तुलना करने वाली और अपनी प्रतिभा का उपयोग न होने से असन्तुष्ट।
लड़के ने अपनी अभिजात्य व्यवहार की समस्त प्रतिभा का उपयोग करते हुए आखिर मेम को बातचीत के लिए मना ही लिया।और बातचीत की गाड़ी ज्यों ही सेकण्ड गियर में आई, खुद का परिचय एक बड़े लेखक के रूप में दिया।
बस फिर क्या था....गाड़ी सीधे टॉप गियर में आ गई। अविश्वास का कोई कारण नहीँ था क्यों कि छोरा कई सनकी लेखकों की बड़ी सूक्ष्म परिचर्या कर चुका था और एक्टिंग में नम्बर वन था।
दो घण्टे मजे में बीत गए और जब कुछ जलपान की स्थिति बनी तो दोनों ही हिचक गए।  थोड़ी सी बहानेबाजी कर इधर उधर हो लिए।
खा पीकर वापस बैठे तब दोनों ही कुछ उधेड़बुन में व्यस्त थे।पहले लड़के वाली कल्पना सुनिए
बात जान पहचान, प्यार, शादी और बच्चों की संख्या तक पहुंच गईं थी पर जब नींव की कमजोरी का भान हुआ तो वह ठिठक गया। कल्पना के घोड़े को लगाम दे, बीच में उस सीन को फिट करने की कोशिश में लग गया जब मेम को "सब कुछ सच" बताकर भला मानुस बनेगा और पछतावे के आंसू बहायेगा।
अभी...? अरे नहीँ! अभी तो काफी टाइम पास करना है। एक सप्ताह बाद?  या फिर एक माह या फिर जब तक जैसे चले वैसे ही...?
ओह....अब मै क्या करूँ? मुझे शुरू में ही सच बोलना था।.....वगैरह2
उधर मेम की कल्पना बड़ी सपाट थी।
एक किताब लिखना।छपवाना। विमोचन। भूमिका में ही लेखक महोदय का आभार जताएगी। साथी प्रोफेसरों में मान बढ़ेगा। लड़कियों को भी पता चलेगा मै क्या हूँ....!  और एक तुम लोग हो कि कुछ सीखना ही नहीँ चाहती....! ढीठ कहीँ की...सबकी सब...अरे यही तो उम्र है टेलेंट पहचानो...देखो कि तुम्हें किसका सानिध्य मिल रहा है?
पहचान बढ़ेगी तो काम भी आएगा।
मै तो फ़िल्म स्टोरी लिखूँगी।
लिखूंगी....क्या..जो लिखी हुई पड़ी है वो सब बिक जाएगी। वो...#चिंचणी वाली स्टोरी...! क्या गजब कथानक है? जो भी निर्माता लेगा मालामाल होगा। जयप्रकाश की समीक्षा छपेगी.... प्रोड्यूसर पूछेगा "मेम! धारवी का रोल किसको दूँ...?"
धारवी का रोल जो भी करेगी...सुपर डुपर स्टार होगी। हो सकता है सम्वाद भी मै ही लिखूँ.....! डबल ट्रिपल कमाई। पति पूछेगा.....अरे....तो इनके पति देव भी है।
बेचारा लेखक?
गाड़ी अब उस गुफा में प्रवेश कर गई है जहाँ आगे the end आ गया है और मुड़ने की जगह नहीँ।
रिवर्स गियर....लगाओ।
लव स्टोरी समाप्त।
यात्रा भी समाप्त।
#kss

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