कद कोई खास बड़ा नहीँ,पर जो है वो भी मुड़ा तुड़ा।
बाल लम्बे और वशेष तरीके की लटें।
एक कान में बाली।
भौंहें नुचवाई हुई।
गाल पुरे "कलम" से ढके है।
होठ के नीचे बालों का त्रिभुजाकार गुच्छा है।
मूँछ की जगह कुछ कांटे उगे है।
गले में स्टार नुमा लॉकेट (20₹वाला)
बिना कालर का टी शर्ट पहने।
किसी किसी के "जादू" टाइप टोपी ओढ़ी हुई है।
टी शर्ट से झांकती डेढ़ पसली के पेट पर "रूठी"हुई नाभि है।
तीन इंच चौड़ा बेल्ट है पर खुला है।
कूल्होंकी जगह सपाट है।
जीन्स काफी नीचे सरक आई है।
"बीच" की दरार झाँक रही है।
पेंट के पायचो का जॉइंट घुटनों के मध्य पहुंच गया है।
लुखी लुखी टांगे और विधवा जैसी सूनी कलाइयां।
अंगुलियों की एक एक हड्डी दिख रही है।
ओपन चप्पल पहने हुए।
स्प्रे की "बदबू" आ रही है।
आँखों के गड्ढे धँस चुके है।
येहै हमारा आज का '"कूल ड्यूड"
कूल माने बिलकुल ठण्डा।
निर्वीर्य, निस्तेज, बलहीन।
जिसे कभी गुस्सा नहीँ आता।
कोई चाहेँ तो आराम से उसकी गर्लफ्रेंड या बहिन को भी उसके सामने छेड़े,
पर ये तो कूल है।इसे गुस्सा नहीँ आता।
ठण्डा ठण्डा।
कूल कूल।
आज की शीतला सप्तमी इन्हीं को समर्पित है।
मुबारक हो शीतला वाहनों!!
गुरुवार, 12 मार्च 2015
कूल डूड
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सटीक चित्रण।
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