कहा तो था....
गांव में
#सोम बोलने पर सुख मिलेगा।
और
#स्वान बोलने पर दुःख।
कई दिन
रटते रहे सभी
सोम सोम सोम।
हाँ
सोम सोम सोम।
और सुख ही सुख था।
चारों ओर।
ननकू सुखी।
हीरा माँ भी सुखी।
अमरा सूरा निर्जरा भी सुखी।
गोकुल के ग्वालन के गोप भी सुखी।
एक दिन #जीके वाले सर आए।
कहा याद करो #सबकुछ।
रोज पांच सवाल याद किया करो।
और ननकू तू पूछेगा भी।
"क्या बोलने से सुख और क्या बोलने से दुःख?"
यह पांचवा प्रश्न था।
उत्तर
सोम बोलने से सुख और स्वान बोलने से दुःख।
क्या....?
स्वान बोलने से दुःख?
नहीँ बोलेंगे स्वान।
ननकू! अब स्वान मत बोलना।
हीरा माँ!! स्वान कभी मत बोलना।
अरे बेटा... ऊँचा सुनती हूँ....क्या कह रहा है?
बुढ़िया!! स्वान मत बोलना।
गत बिगड़ेगी।
ओह! नहीँ बोलूंगी स्वान।
सुनो सुनो सुनो!! स्वान मत बोलना।
अरे ये कौन चिल्ला रहा है...? "स्वान स्वान"
अजरा बोला -"सूरा कह रहा है, स्वान!"
सूरा- मैने कब कहा स्वान?
तो निर्जरा ने कहा होगा स्वान!!
स्वान मत बोलो....
ऐसा कानून बनाओ।
स्वान बोलना निषिद्ध है।
दुकानों पर पट्ट लगा है "हमारे यहाँ स्वान नहीँ बोला जाता।"
बैंक की दीवार पर लिखा है "हमें ख़ुशी होगी, यदि आप स्वान नहीँ बोलेंगे तो।"
मेले में भोंपू पर बीच बीच में उद्घोषणा होने लगी
"कृपया स्वान नहीँ बोलें।"
स्टेशन पर "यात्री गण कृपया ध्यान दें---कोई भी स्वान नहीँ बोलेगा।"
एक बच्चा चिल्लाया "मम्मी! क्या नहीँ बोलना!"
आंटी ने समझाया "बेटे स्वान"
प्रेमी बोला "मेरी जिंदगी का वो आखिरी दिन होगा जब मै स्वान बोलूंगा।"
स्वान नहीँ बोलने पर परिचर्चाएं हो रही है।
टीवी में स्वान।
मस्जिद के तब्सरे में स्वान।
अख़बार में स्वान।
चाट खाते हुए कागज के टुकड़े पर स्वान।
मन्दिर में स्वान बोलने से होने वाली हानि पर प्रवचन चल रहे है।
स्कूल की प्रार्थना सभा में भी स्वान पर निर्देश दिए जाते।
विपक्ष के नेता मिले,
सरकार स्वान विषयक मामले गम्भीरता से नहीँ ले रही।
यू एन ओ ने स्वान निषेध दिवस घोषित किया।
छिपे केमरों से स्वान बोलने वालोँ के स्टिंग होने लगे।
trp में स्वान नम्बर एक हो गया है।
बस में एक ताऊ कह रहे थे "ये जो सभी लोग दुःखी है न, इसका कारण यही है कि स्वान बोला जा रहा है।"
अचानक बस ने हिचकोला खाया...!
और सभी यात्री फुसफुसाए "सोम!....सोम!!"
#kss